AIIMS Delhi: एम्स दिल्ली को बताया देश की सर्वोत्तम कृति, ताजमहल और कुतुब मीनार के समकक्ष बताया गया

AIIMS Delhi: एम्स दिल्ली को बताया देश की सर्वोत्तम कृति, ताजमहल और कुतुब मीनार के समकक्ष बताया गया
नई दिल्ली, भारत के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में से एक एम्स दिल्ली को देश की “सर्वोत्तम कृति” बताते हुए राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के संस्थापक और वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. जी.के. रथ ने कहा कि “एम्स एक ऐसी धरोहर है जिसे दोबारा नहीं बनाया जा सकता, ठीक वैसे ही जैसे ताजमहल या कुतुब मीनार को।” उन्होंने कहा कि एम्स न केवल अपनी चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि शिक्षण, अनुसंधान और रोगी देखभाल के क्षेत्र में भी इसकी पहचान अद्वितीय है।
डॉ. रथ डॉ. भीमराव अम्बेडकर संस्थान – रोटरी कैंसर अस्पताल (एम्स) के स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे, जो जवाहरलाल नेहरू सभागार में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि “सफदरजंग अस्पताल के सामने एम्स की स्थापना का उद्देश्य केवल चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि शिक्षण और शोध के जरिए देश में स्वास्थ्य नवाचारों को आगे बढ़ाना था।” उन्होंने एम्स को भारत की चिकित्सा शिक्षा और उपचार प्रणाली का “ताजमहल ऑफ मेडिसिन” कहा।
इस अवसर पर एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास, अतिरिक्त निदेशक अंशुल मिश्रा, डॉ. संजय पी. थुलकर, और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. सुमन भास्कर सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे।
डॉ. सुमन भास्कर ने कहा कि कैंसर अस्पताल की वर्षगांठ को इस बार ‘कैंसर मुक्त भविष्य की मुहिम’ के रूप में मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ मिलकर कैंसर से लड़ाई में नई ऊर्जा और नवाचार लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि “अब हम कैंसर के उपचार में एआई आधारित तकनीकों, नई विकिरण विधियों और नवीनतम चिकित्सा समाधानों का उपयोग कर रहे हैं ताकि मरीजों को बेहतर और सटीक इलाज मिल सके।”
उन्होंने बताया कि एम्स न केवल कैंसर उपचार का केंद्र है, बल्कि यह देश में कैंसर विशेषज्ञ तैयार करने का संस्थान भी है। यहां डॉक्टरों को पैलिएटिव केयर और आधुनिक ऑन्कोलॉजी तकनीकों में प्रशिक्षण देकर देश के दूरस्थ इलाकों तक कैंसर उपचार की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।
समारोह के दौरान वक्ताओं ने कहा कि एम्स दिल्ली ने भारत में चिकित्सा क्षेत्र को नई दिशा दी है। यह संस्थान स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान और शिक्षा के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में कार्य कर रहा है।
एम्स के डॉ. भीमराव अम्बेडकर संस्थान – रोटरी कैंसर अस्पताल की कहानी
एम्स का यह कैंसर अस्पताल वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया। उस समय इसका उद्देश्य उत्तरी भारत में व्यापक कैंसर देखभाल सेवाएं प्रदान करना था। प्रारंभिक चरण में अस्पताल ने 35 बिस्तरों और दो मंजिला भवन के साथ अपनी सेवाएं शुरू की थीं। बाद में इसका विस्तार हुआ, और 5 अक्टूबर 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 200 बिस्तरों वाले सात मंजिला भवन का उद्घाटन किया। आज यह अस्पताल देश के सबसे उन्नत कैंसर उपचार केंद्रों में गिना जाता है।
डॉ. रथ ने कहा कि “एम्स न केवल एक संस्थान है, बल्कि यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र का प्रतीक है — जहां हर दिन मानवता, विज्ञान और समर्पण का संगम देखने को मिलता है।” उन्होंने इस अवसर पर सभी डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि एम्स की सफलता देश की चिकित्सा शक्ति और वैज्ञानिक दृष्टि का प्रमाण है।





