
नई दिल्ली, 12 सितम्बर: वैश्विक समुद्री शासन को मजबूत करने से लेकर सुरक्षित व स्वच्छ समुद्रों के एजेंडे को आकार देने वाले देशों में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की भूमिका और भागीदारी अति महत्वपूर्ण है।
यह बातें आईसीजी के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने इटली के रोम में आयोजित चौथे तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन (सीजीजीएस) में कहीं। चौथे संस्करण में इटली के प्रधानमंत्री, जियोर्जिया मेलोनी ने समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, समुद्री खोज और बचाव, और समुद्री कानून प्रवर्तन में तटरक्षक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने वर्चुअली भाग लिया। शिखर सम्मेलन में 115 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस दौरान आईसीजी के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ‘आग के खिलाफ संरक्षक : आग की आपात स्थितियों के लिए आईसीजी की सामरिक प्रतिक्रिया’ शीर्षक से एक व्याख्यान दिया। जिसमें समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को आगे बढ़ाने में भारत की विशेषज्ञता और रचनात्मक भूमिका का ब्यौरा दिया गया। इस दौरान समुद्री पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक आपदाओं और समुद्री दुर्घटनाओं के बाबत आपातकालीन प्रतिक्रिया संबंधी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया गया। सम्मेलन में आईसीजी ने आगामी 2027 में आयोजित होने वाले पांचवें सीजीजीएस सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की।
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