उत्तर प्रदेश, नोएडा: चिल्ला एलिवेटेड से अब तक नहीं बदली खराब स्टील
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -एक महीने पहले प्राधिकरण ने दिया था नोटिस, 892 करोड़ है बजट, दिल्ली- नोएडा की होगी कनेक्टिविटी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली चिल्ला एलिवेटेड निर्माण में मानकों के अनुरुप स्टील का प्रयोग नहीं किया जा रहा। इसका नोटिस प्राधिकरण ने करीब एक महीने पहले ब्रिज कार्पोरेशन को दिया था। बावजूद इसके अब तक खराब स्टील को बदला नहीं गया है। प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने स्पष्ट कहा कि जब तक खराब स्टील को बदलकर मानकों के अनुसार नहीं किया जाता तब तक पेमेंट नहीं किया जाएगा। बता दे ब्रिज कार्पोरेशन ही नोएडा के दो अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है। इसमें भंगेल एलिवेटेड और सेक्टर-145 लिंक रोड शामिल है।
करीब एक महीने पहले नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने चिल्ला एलिवेटेड निर्माण का स्थलीय निरीक्षण किया था। जिसमें पाइलिंग के ज्वाइंट की फोटो व वीडियो ग्राफी कराई गई। समीक्षा में पाया गया कि एलिवेटेड की पाइलिंग में जिस स्टील का प्रयोग कंपनी कर रही है। उस स्टील की गुणवत्ता खराब है। जबकि पाइलिंग के लिए प्राधिकरण ने किसी दूसरी स्टील के प्रयोग की बात की थी। प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने ब्रिज कार्पोरेशन को नोटिस जारी किया और स्वीकृत स्टील को लगाने के लिए कहा गया। इस एलिवेटेड का शिलान्यास सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसके बाद अब तब पाइलिंग में लगी खराब स्टील को बदला नहीं गया। इसको लेकर जल्द ही एक ओर नोटिस जारी किया जाएगा।
892 करोड़ रुपए किए जा रहे खर्च
एलिवेटेड का निर्माण 892 करोड़ में किया जा रहा है। ये काम तीन साल में पूरा करना होगा। हालांकि 2019 में भी इसका काम शुरू हुआ था। उस समय सीएम योगी आदित्यनाथ ने योजना की शिलान्यास किया था। फाउंडेशन और पाइलिंग के बाद फंड की कमी से काम रोका दिया गया। करीब 79 करोड़ रुपए एलिवेटेड निर्माण पर खर्च किए गए थे। अब इसका 10 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। योजना के तहत छह लेन की इस एलिवेटेड को 296 पिलर पर बनाया जाना है।
रोजाना 5 लाख वाहनों को होगा फायदा
निर्माण कंपनी उप्र ब्रिज कार्पोरेशन लिमिटेड ने 17 दिसंबर 2024 को ठेकेदार कंपनी एमजी कंस्ट्रक्शन को कार्य अवॉर्ड किया। इस एलिवेटेड से रोजाना करीब 5 लाख वाहन चालक को फायदा होगा। ठेकेदार के पास निर्माण पूरा करने के लिए तीन साल का समय होगा। दिल्ली और नोएडा के बीच यातायात भीड़ को कम करने के लिए 2012 में योजना की फिजिबिलिटी तैयार की गई थी। एलिवेटेड 5.9 किमी लंबी बननी है। योजना के प्रारंभिक फेज में इसकी कुल लागत 605 करोड़ रुपए थी।
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