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Winter Health Tips: बड़ी बीमारियों को न्यौता देती हैं छोटी बीमारियां, अनदेखा ना करें, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए विशेषज्ञों की सलाह

Winter Health Tips: बड़ी बीमारियों को न्यौता देती हैं छोटी बीमारियां, अनदेखा ना करें, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए विशेषज्ञों की सलाह

नई दिल्ली,
शरद ऋतु अपने साथ ठंडक और संक्रमण का मौसम लेकर आती है। यह मौसम सीधे तौर पर बीमारी का कारण नहीं बनता, लेकिन महिलाओं और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे वे वायरस और संक्रमणों की चपेट में अधिक आते हैं। चिकित्सक चेतावनी दे रहे हैं कि छोटी-छोटी बीमारियों की अनदेखी बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

महिलाओं में बढ़ रही मौसमी बीमारियों की चुनौती

आरएमएल अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. कामना दत्ता ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर अपनी गर्मी को बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, खांसी, बुखार, फ्लू और श्वसन संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा, “महिलाएं अक्सर परिवार का पूरा ध्यान रखती हैं लेकिन अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करती हैं। नतीजतन, छोटी बीमारी कभी-कभी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है।”

डॉ. दत्ता के अनुसार, सर्दियों में महिलाओं को बहती या भरी नाक, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और बदन दर्द जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। फ्लू के गंभीर लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और कमजोरी शामिल हैं। उन्होंने सलाह दी कि अगर लक्षण बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बच्चों में संक्रमण तेजी से फैलता है: डॉ. शालू गुप्ता

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कलावती सरण बाल चिकित्सालय की प्रोफेसर डॉ. शालू गुप्ता ने कहा कि ठंड के दौरान बच्चे घर के अंदर रहते हैं, जिससे सूखी हवा में कीटाणु तेजी से फैलते हैं। यदि घर का कोई सदस्य वायरस से संक्रमित हो तो बच्चों में संक्रमण की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि सर्दियों में बच्चों में सर्दी-जुकाम, फ्लू, ब्रोंकोलाइटिस, क्रुप और निमोनिया जैसी बीमारियां आम हैं। इनके लक्षणों में खांसी, सांस लेने में दिक्कत, घरघराहट और बुखार शामिल हैं।

डॉ. शालू ने कहा कि बच्चों की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। बचाव के लिए उन्हें बार-बार साबुन और गर्म पानी से हाथ धोना, खाने से पहले या चेहरा छूने से पहले स्वच्छता का पालन करना सिखाया जाना चाहिए।

कैसे करें सर्दियों में खुद और परिवार की सुरक्षा

त्वचा की देखभाल: नहाने या चेहरा धोने के तुरंत बाद मॉइस्चराइजर लगाएं ताकि नमी बरकरार रहे।

धूप में बैठें: सूरज की किरणें विटामिन D देती हैं जो हड्डियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए आवश्यक है।

संतुलित आहार लें: ताजे फल, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार से प्रतिरक्षा मजबूत होती है।

ठंड से बचाव करें: गर्म कपड़ों की कई परतें पहनें और सिर, गले व हाथों को ढकें।

घर को गर्म और हवादार रखें: ताकि नमी और संक्रमण फैलने की संभावना कम हो।

मास्क पहनें: सार्वजनिक या भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।

पर्याप्त नींद लें: रोज़ाना 8–9 घंटे की नींद और भरपूर पानी पीना आवश्यक है।

डॉ. कामना और डॉ. शालू दोनों का मानना है कि मौसम बदलते समय स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही सबसे बड़ी गलती है। यदि प्रारंभिक लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए और उचित सावधानी बरती जाए, तो बड़ी बीमारियों से बचाव संभव है।

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