नई दिल्ली, 14 अगस्त : भारतीय खेल जगत ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 की सराहना की है, जिन्हें संसद ने मंगलवार 12 अगस्त को पारित किया। एथलीटों, प्रशिक्षकों, खेल प्रशासकों और अन्य लोगों ने इसे सुशासन लाने और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार बताया है।
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 के पारित होने को स्वतंत्रता के बाद से खेल क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार बताया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, मैं केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया को चार दशकों के बाद यह विधेयक लाने के लिए बधाई देता हूँ। इससे भारतीय खेलों को दो प्रमुख क्षेत्रों में लाभ होगा। पहला, यह राष्ट्रीय खेल बोर्ड के गठन का प्रावधान करता है, जिसके पास किसी खेल संगठन का पंजीकरण या मान्यता देने या रद्द करने का अधिकार होगा। दूसरा, अदालतों में लंबित सैकड़ों मुकदमों का निपटारा खेल न्यायाधिकरण द्वारा किया जाएगा, जिससे अनावश्यक खर्च की बचत होगी जिसका उपयोग अब खेलों के विकास में किया जा सकता है।चौबे ने आगे कहा, “यह कानून यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे एथलीट स्वच्छ रहें, खासकर जब देश किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल की मेजबानी करने वाला हो।
बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने इस विधेयक के पारित होने पर अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक क्षण! दोनों सदनों द्वारा पारित खेल विधेयक 2025, शासन, पारदर्शिता और खिलाड़ी कल्याण के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करता है। निष्पक्षता और कल्याण को खेलों का आधार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद।
भारत में पैरा-जैवलिन थ्रो के वर्तमान पोस्टर बॉय सुमित अंतिल ने सोशल मीडिया पर लिखा, संसद के दोनों सदनों में खेल विधेयक 2025 के पारित होने से खेल प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी! राष्ट्रीय खेल चुनाव आयोग, आचार संहिता, सुरक्षित खेल नीति और शिकायत निवारण तंत्र यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी हितधारकों की आवाज़ सुनी जाए और उनका सम्मान किया जाए।
भारतीय डेविस कप कप्तान रोहित राजपाल ने कहा, यह भारत में खेलों के लिए एक बेहद ज़रूरी सुधार था। हम विवाद समाधान के कई क्षेत्रों में पिछड़ रहे थे, जहाँ हर संघ कमोबेश अदालत में है, जिससे दुर्भाग्य से कई देरी हो रही थी। यह विधेयक खेल प्रोत्साहन और खेल विकास के मामले में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।



